पीएम कुसुम योजना में सोलर इंस्टालेशन कैसे करते है, जानिए पूरी डिटेल्स

पीएम कुसुम योजना के तहत जब हमारा आवेदन नामांकित हो जाता है तब स्थानीय डीलर हमारे खेत में सोलर पंप के इंस्टॉलेशन के लिए आते हैं तब हमें सोलर पैनल व पंप के इंस्टॉलेशन के समय कुछ मुख्य सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए जिससे हमें भविष्य में किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े.

सोलर पंप लगाने के लिए सही स्थान का चयन

सोलर पंप स्थापित करते समय सबसे पहले उस स्थान का चयन करें जहाँ पंप लगाना है। यह जगह खेत के शेष भाग से ऊंचाई पर होनी चाहिए ताकि सोलर पैनल को अधिकतम धूप मिले और पानी के प्रवाह में कोई बाधा न हो। सोलर पैनल को कुएं या बोरिंग के करीब रखना बेहतर होता है, क्योंकि इससे पंपिंग प्रक्रिया आसान हो जाती है। ध्यान दें कि चयनित स्थान पर भरपूर धूप होनी चाहिए और आसपास कोई पेड़ या अन्य संरचना छाया न बना रही हो।

सोलर पैनल की सही स्थापना और सुरक्षा

सोलर पैनल को सही दिशा और कोण पर लगाना आवश्यक है, ताकि सुबह 10:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक अधिकतम सूर्य की रोशनी मिल सके। पैनल के नीचे कंट्रोलर को इस प्रकार लगाएं कि पैनल और कंट्रोलर के बीच पर्याप्त गैप रहे, जिससे बारिश का पानी कंट्रोलर में न जा सके। अगर दो स्ट्रक्चर का सिस्टम लगा रहे हैं, तो उनके बीच 30-40 फीट का गैप बनाए रखें। साथ ही, पैनल को मजबूती से रिवेटिंग और नट-बोल्ट से जोड़ना चाहिए ताकि आंधी-तूफान में पैनल के उखड़ने का खतरा न हो।

मोटर, पंप और केबल का सही उपयोग

मोटर और पंप को बोरिंग के अंदर सतह से कम से कम 10 फीट ऊपर रखें, ताकि यह गंदगी या रुकावट से प्रभावित न हो। केबल को बोरिंग में हर 20 फीट की दूरी पर मजबूती से बांधना चाहिए और इसे लगभग एक मीटर लूज छोड़ना चाहिए ताकि तनाव न हो। इससे शॉर्ट सर्किट का खतरा खत्म हो जाता है। ध्यान दें कि रस्सी को डिलीवरी लाइन और केबल के साथ न बांधें, क्योंकि इससे दबाव बढ़ सकता है। इन सभी निर्देशों का पालन करने से सोलर पंप की कार्यक्षमता और स्थायित्व में सुधार होता है।

नोट  – किसान भाइयों को कोशिश करनी चाहिए कि कॉपर की केबल के साथ एल्युमिनियम की केबल का उपयोग न करें

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